यहां आप लोक देवों और उनकी पूजा करने के तरीके के बारे में जान सकते हैं।
माता पाथरी आली ( धूतनी ) की गुरु मुखी साधना और इतिहास
लिंक पाएं
Facebook
X
Pinterest
ईमेल
दूसरे ऐप
-
आदेश सतगुरु जी !!
दोस्तों अगर आप भगताउ लाइन में है तो आपने कभी न कभी पाथरी वाली माता या धूतनी माता का नाम जरूर सुना होगा। आप में से बहोत से भगतो के घर में ये देवी कुल देवी के रूप में भी पूजी जाती होगी। दोस्तों पाथरी वाली माता एक बहुत ही शक्तिशाली देवी है जो अपने भगतो के मात्र थोड़ी सी सेवा से ही खुस हो जाती है और उनको मन चाहा वरदान देती है। भगतई लाइन में ये अपने भगतो का बड़े से बड़ा काम पल भर में ही कर के दिखा देती है। पाथरी वाली माता की पूजा तामसिक और सात्विक दोनों ही तरीको से की जाती है और ये दोनों ही प्रकार की पूजा से शीघ्र प्रश्न हो जाती है।
( नोट :- यह लेख पूर्ण रूप से इंटरनेट पर उपलब्ध जानकारी तथा गुरु भगतो के मुँह से सुनी कथाओ पर आधारित है। लेखक इसका पूर्ण रूप से सही होने का कोई दावा नहीं करता है। )
नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका हमारे Blog लोक देवालय में यहाँ आपको भारत के अलग-अलग लोक देवताओ के बारे में जानने को मिलेगा। तो चलिए शुरू करते हैं
माता पाथरी आली ( धूतनी ) का इतिहास
माता पाथरी वाली को माता धूतनी के नाम से भी जाना जाता है।माता का मंदिर पानीपत सीक पाथरी गाँव की भुमि पर स्थित है। चैत्र और आषाढ के बुधवारों को यहाँ भारी मेले लगते हैं। माता का यह मंदिर 500 वर्षों से भी अधिक प्राचीन है। माता पाथरी के विषय मे समाज में अनेकों दंत कथाएँ प्रचलित है। लोकगीतों और लोक मान्यताओं की माने तो माता पाथरी का जन्म गौड बंगाल के रहने वाले सोहन गुजर के घर मे हुआ था। पंडित जब इनका नामाकरण करने के लिए इनकी मस्तक रेखा देखने लगे तो माता अपना शक्तिरूप दिखा अट्टहास कर हंसने लगी। नवजात कन्या को अट्टहास करता देख पंडित घबरा गए और उन्होंने माता को अनिष्टकारी संबोधित करते हुए कुएं मे फिंकवा दिया। जहाँ नागे गुरु ने इनको कुएं से बाहर निकाला। शक्ति ने नागे गुरु से टक्कर ली और ईश्वर की प्रेरणा से नागे गुरु जी ने इनको एक डिब्बी मे बंद करके अपनी जटाओं मे स्थान दिया। इन देवी ने नागे गुरु की शक्ति से परिचित होकर उनकों अपने गुरु जी के रूप मे धारण किया।
कथा के अनुसार सीक पाथरी गाँवों के नत्थू और भरतू नाम के दो युवकों ने नागे गुरु जी की बहुत सेवा की जिससे प्रसन्न होकर नागे गुरु ने वह डिब्बी नत्थू को देते हुए कहा इसको संभालकर रखना।एक दिन गुरु जी के प्रस्थान के पश्चात नत्थू ने डिब्बी को खोला तो माता प्रकट हो गयी। नत्थू डर गया किंतु बाद मे शक्ति के रहस्य को जानकर नत्थू और भरतू माता की सेवा करने लगे। गाँव के जमींदार जाट सिंघा द्वारा जाल के पेड़ के नीचे माता का स्थान बनवाया गया।तभी से माता की पूजा निरंतर होती आ रही है।
माता धूतनी की साधना
दोस्तों माता धूतनी की साधना तामसिक और सात्विक दोनों ही तरीको से की जाती है। निचे दी गयी वीडियो में आप माता धूतनी की साधना और मंतर प्राप्त कर सकते हो।
दोस्तों उम्मीद है के आपको हमारा ये लेख पसंद आया होगा, लोक देवताओ के बारे में और अधिक जानने के लिए हमारे फेसबुक पेज को फॉलो करे। यह लेख आपको कैसा लगा और हम इसको ओर कैसे सुधार सकते हैं निचे कमेंट कर के जरूर बताइयेगा। हमे आपके जवाब से खुशी होगी।
एक ऐसा लोक देव जो साधक को भी मार दे - कलवा पौन । खरदौनी के लोक देवता आदेश सतगुरु जी !! नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका हमारे Blog लोक देवालय में यहाँ आपको भारत के अलग-अलग लोक देवताओ के बारे में जानने को मिलेगा। तो चलिए शुरू करते हैं प्रिये पाठको आज के इस दौर में भी ऐसे - ऐसे तांत्रिक, साधक और भगत हमारे बीच मौजूद है, जो आपको कहीं भी बैठे - बैठे किसी जगह या किसी व्यक्ति के बारे में बता सकते है, जहां पर शायद वह कभी खुद नहीं गया हो या उस मनुष्य को न जानता हो। आप जानना चाहते हो के वे ऐसा करने में कैसे सक्षम हो जाते है। वे तांत्रिक या भगत ऐसा इसलिए कर सकते है क्युकी उनके पास 56 कालवो में से कोई एक या दो कलवे चलते होंगे। आज हम आप लोगो के लिए उन 56 कलवो में से एक सबसे शक्तिशाली कलवा पौन के बारे में लेख लेके आये हैं। कहाँ से आये 56 कलवे ? 56 कलवे गुरु गोरखनाथ के धुनें से प्रकट हुए थे और इस शक्ति के पहले मालिक गुरु गोरख नाथ थे। बाद में उन्होंने ये शक्ति अपने परम शिष्य गुगा जहरवीर को दी। गुगा जाहरवीर से ये शक्तियाँ 5 बावरियों ने ली। ( यह भी पढ़े :- गुग...
आदेश सतगुरु जी !! दोस्तों हिन्दू धर्म में हम ऐसे बहुत से देवी देवताओ की पूजा करते है, जो कोई अवतार नहीं थे बल्कि जिन्होंने अपनी भगति और ईश्वर में दृढ़ आस्था से शक्तियाँ पाई और आज उन शक्तियों का उपयोग जन भलाई में कर रहे है। आज हम उन्ही में से एक देवी की कहानी आप लोगो के सामने लेके आये है जो भक्तो में नथिया माई या नथिया कंजरी के नाम से जानी जाती है। ये देवी अपने भगतो से जल्द ही खुश हो जाती है और अपने भगतो को मन मांगी मुराद देती है। नथिया माई देसी भगतवाली में एक जाना-माना नाम है। ( यह भी पढ़े :- हिन्दू धर्म की एक शक्तिशाली देवी - पाथरी वाली माता | हरियाणा की लोक देवी ) नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका हमारे Blog लोक देवालय में यहाँ आपको भारत के अलग-अलग लोक देवताओ के बारे में जानने को मिलेगा। तो चलिए शुरू करते हैं नथिया माई या नथिया चौकी माया जगत का सबसे अहम हिस्सा रही है। भगत इनको कंजर समाज से मानते है, यह एक जादूगरनी की छवि मे मानी व पूजी जाती है। आज भगत जगत की सबसे जल्दी माया मे आने वाली शक्ति नथिया माई को माना जाता है। ( नोट :- यह लेख पूर्ण रूप से इंटरनेट पर उपलब्ध ...
आदेश सतगुरु जी !! दोस्तों हमारी धरती पर बहुत से पीर फ़क़ीर हुए है जिन्होंने अपनी शक्ति के बल पर अपना दुनिया में नाम किया है। आज मैं आप लोगो के सामने ऐसे ही एक पीर की कहानी लेके आया हूँ जो अपनी शक्ति के बल पर भगतो को पर्चे लगाता है और पल भर में उनका बिगड़ा हुआ काम सवार देता है। दोस्तों मैं बात कर रहा हूँ हिन्दू-मुस्लिम एकता के प्रतीक 9 गजा पीर की, जिनमेँ हिन्दू और मुस्लिम दोनों ही समान रूप से श्रद्धा रखते है और अपनी मुँह मांगी मुरादे पाते है। ( यह भी पढ़े :- अमर सिंह पवन का इतिहास !! ) नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका हमारे Blog लोक देवालय में यहाँ आपको भारत के अलग-अलग लोक देवताओ के बारे में जानने को मिलेगा। तो चलिए शुरू करते हैं ( नोट :- यह लेख पूर्ण रूप से इंटरनेट पर उपलब्ध जानकारी तथा गुरु भगतो के मुँह से सुनी कथाओ पर आधारित है। लेखक इसका पूर्ण रूप से सही होने का कोई दावा नहीं करता है। ) 9 गजा पीर का इतिहास नौगाजा पीर एक संत थे, जिनकी ऊंचाई 9 "गज" थी जो भारतीय मीट्रिक इकाइयों में 8 मीटर और 36 इंच या 27 फीट के बराबर होती है। इनका नाम सैयद इब्राहिम बादशा...
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें