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माता मदानण की साधना

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 आदेश सतगुरु जी !! नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका हमारे Blog लोक देवालय में यहाँ आपको भारत के अलग-अलग लोक देवताओ के बारे में जानने को मिलेगा। तो चलिए शुरू करते हैं दोस्तों आपने कभी न कभी माता मदानण का नाम अपने अब तक के जीवन काल में सुन ही लिया होगा क्युकी ये एक बहुत ही उग्र,शक्तिशाली और जग विख्यात देवी है। भगताउ लाइन में ऐसा कोई भी काम नहीं है जो माता मदानण ना कर सके , ये किसी भी तरह की चौकी या बंधन को जड़ से काटने में सक्षम है। माता मदानण को चौराहे वाली माता भी कहा जाता है। माता मदानण 52 रूपी है जिसके कारण ये किसी भी प्रकार का रूप बना कर भगत को भर्मित कर सकती है। इनकी इसी शक्ति के कारण बहुत से भगत इनको नहीं पहचान पाते है। माता मदानण को मसानियो की रानी भी कहा जाता है इसी वजह से इनका काम कोई भी मसानी नहीं टाल सकती है। माता मदानण 7 बहने है। माता मदानण माई श्याम कौर और पांचो बावरियों के जोड़े में चलती है। माता मदानण माई शीतला के जोड़े में भी चलती है।  माता मदानण एक ऐसी शक्ति है जो छुतक में भी चल सकती है और अपना खेल दिखती है। माता मदानण की सेवा तामसिक और सात्विक दोनों ही प्रकार से क...

माता पाथरी आली ( धूतनी ) की गुरु मुखी साधना और इतिहास

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आदेश सतगुरु जी !!  दोस्तों अगर आप भगताउ लाइन में है तो आपने कभी न कभी पाथरी वाली माता या धूतनी माता का नाम जरूर सुना होगा। आप में से बहोत से भगतो के घर में ये देवी कुल देवी के रूप में भी पूजी जाती होगी। दोस्तों पाथरी वाली माता एक बहुत ही शक्तिशाली देवी है जो अपने भगतो के मात्र थोड़ी सी सेवा से ही खुस हो जाती है और उनको मन चाहा वरदान देती है। भगतई लाइन में ये अपने भगतो का बड़े से बड़ा काम पल भर में ही कर के दिखा देती है। पाथरी वाली माता की पूजा तामसिक और सात्विक दोनों ही तरीको से की जाती है और ये दोनों ही प्रकार की पूजा से शीघ्र प्रश्न हो जाती है। ( नोट :- यह लेख पूर्ण रूप से इंटरनेट पर उपलब्ध जानकारी तथा गुरु भगतो के मुँह से सुनी कथाओ पर आधारित है। लेखक इसका पूर्ण रूप से सही होने का कोई दावा नहीं करता है। )  नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका हमारे Blog  लोक देवालय   में यहाँ आपको भारत के अलग-अलग लोक देवताओ के बारे में जानने को मिलेगा। तो चलिए शुरू करते हैं माता पाथरी आली ( धूतनी )  का इतिहास  माता पाथरी वाली को माता धूतनी के नाम से भी जाना जाता है।माता का मंदिर प...

माता मनसा देवी का इतिहास और साधना

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  आदेश सतगुरु जी !! दोस्तों हमारे हिन्दू धर्म में अनेको देवी देवताओ का वर्णन आता है। आज मैं आप लोगो के सामने उन्ही में से एक देवी का इतिहास लेके आया हूँ जो हमारे हिन्दू धर्म में बहुत सालो से पूजनीय है। ये देवी भगतो के मन की बात जान कर उनका उद्धार करती है और पल भर में ही अपने भगतो के सभी कष्टों का निवारण करने की शक्ति रखती है। इन्हे साँपो की देवी भी कहा जाता है। कुछ भग्तजन समझ गए होंगे के हम किस देवी की बात कर रहे है लेकिन अगर आप नहीं समझे है तो मैं आप को बता दूँ की आज हम आप लोगो के सामने माता मनसा देवी का इतिहास लेके आये है जिन्हे कलयुग में विष की देवी के नाम से भी पूजा जाता है। ( यह भी पढ़े :-  बाबा मोहन राम का इतिहास ​!! ) ( नोट :- यह लेख पूर्ण रूप से इंटरनेट पर उपलब्ध जानकारी तथा गुरु भगतो के मुँह से सुनी कथाओ पर आधारित है। लेखक इसका पूर्ण रूप से सही होने का कोई दावा नहीं करता है। ) नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका हमारे Blog  लोक देवालय  में यहाँ आपको भारत के अलग-अलग लोक देवताओ के बारे में जानने को मिलेगा। तो चलिए शुरू करते हैं माता मनसा देवी का इतिहास  दोस्तो...

नौ गजा पीर का इतिहास और साधना !!

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आदेश सतगुरु जी !!  दोस्तों हमारी धरती पर बहुत से पीर फ़क़ीर हुए है जिन्होंने अपनी शक्ति के बल पर अपना दुनिया में नाम किया है। आज मैं आप लोगो के सामने ऐसे ही एक पीर की कहानी लेके आया हूँ जो अपनी शक्ति के बल पर भगतो को पर्चे लगाता है और पल भर में उनका बिगड़ा हुआ काम सवार देता है। दोस्तों मैं बात कर रहा हूँ हिन्दू-मुस्लिम एकता के प्रतीक 9 गजा पीर की, जिनमेँ हिन्दू और मुस्लिम दोनों ही समान रूप से श्रद्धा रखते है और अपनी मुँह मांगी मुरादे पाते है। ( यह भी पढ़े :-  अमर सिंह पवन का इतिहास !! ) नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका हमारे Blog  लोक देवालय  में यहाँ आपको भारत के अलग-अलग लोक देवताओ के बारे में जानने को मिलेगा। तो चलिए शुरू करते हैं   ( नोट :- यह लेख पूर्ण रूप से इंटरनेट पर उपलब्ध जानकारी तथा गुरु भगतो के मुँह से सुनी कथाओ पर आधारित है। लेखक इसका पूर्ण रूप से सही होने का कोई दावा नहीं करता है। ) 9 गजा पीर का इतिहास  नौगाजा पीर एक संत थे, जिनकी ऊंचाई 9 "गज" थी जो भारतीय मीट्रिक इकाइयों में 8 मीटर और 36 इंच या 27 फीट के बराबर होती है। इनका नाम सैयद इब्राहिम बादशा...

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