नथिया माई का इतिहास
आदेश सतगुरु जी !!
दोस्तों हिन्दू धर्म में हम ऐसे बहुत से देवी देवताओ की पूजा करते है, जो कोई अवतार नहीं थे बल्कि जिन्होंने अपनी भगति और ईश्वर में दृढ़ आस्था से शक्तियाँ पाई और आज उन शक्तियों का उपयोग जन भलाई में कर रहे है। आज हम उन्ही में से एक देवी की कहानी आप लोगो के सामने लेके आये है जो भक्तो में नथिया माई या नथिया कंजरी के नाम से जानी जाती है। ये देवी अपने भगतो से जल्द ही खुश हो जाती है और अपने भगतो को मन मांगी मुराद देती है। नथिया माई देसी भगतवाली में एक जाना-माना नाम है।
( यह भी पढ़े :- हिन्दू धर्म की एक शक्तिशाली देवी - पाथरी वाली माता | हरियाणा की लोक देवी )
नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका हमारे Blog लोक देवालय में यहाँ आपको भारत के अलग-अलग लोक देवताओ के बारे में जानने को मिलेगा। तो चलिए शुरू करते हैं
( नोट :- यह लेख पूर्ण रूप से इंटरनेट पर उपलब्ध जानकारी तथा गुरु भगतो के मुँह से सुनी कथाओ पर आधारित है। लेखक इसका पूर्ण रूप से सही होने का कोई दावा नहीं करता है। )
नथिया माई का इतिहास
कहा जाता है की माता नथिया पाताल लोक की नाग कन्या थी। नथिया माई नाथ पंथ की शिक्षा लेने के लिए गुरु गोरखनाथ के पास आई (एक नाग कन्या ने नाथ पंथ की शिक्षा ली इसलिए उन्हें नथिया कहा जाता है) और शिक्षा ग्रहण की उस समय देश भर मैं ढाके बंगाल के जादू की बहुत मान्यता थी। माई नथिया के मन में ढाके बंगाल का जादू सीखने की जिज्ञासा जागती है और माता नथिया ने गुरु गोरख नाथ से नाथ पंथ की शिक्षा ग्रहण कर उनसे ढाका बंगाल जाने की अनुमति ली और माता नथिया ढाके बंगाल को निकल गयी। माता के मन में विचार था की वो कैसे ढाका बंगाल जाएँगी और जादू सीखेंगी। एक सन्धया को माई नथिया इमली के पेड़ पर जाके विश्राम करने लगी और उसी पेड़ पर रात गुजारी। सुबह उस इमली के पेड़ के नीचे घूमते- घूमते नत्थू सपेरा जा पहुंचा। उनकी नजर माता नथिया पर पड़ी और उनसे बातचीत कर पता चला की वो नाग कन्या है और पाताल लोक से ढाके बंगाल जादू सिखने जा रही है। नत्थू सपेरा बहुत पहुंचा हुआ सपेरा था वो नत्थू सपेरा ने नथिया माई को अपने साथ ले गया और ढाके बंगाल पहुँच गया। अपना खेल दिखाते हुए माई नथिया को ढाका बंगाल पहुँचाने का श्रेय नत्थू सपेरा को जाता है इसलिए माँ नथिया नत्थू सपेरा को अपना पहला गुरु मानती है। उस वक़्त ढाका बंगाल मैं जादू सिर्फ कबीले में सिखाया जाता और कबीले के लोगो को ही सिखाया जाता था। अब माई नथिया के आगे समस्या थी की वो जादू कैसे सीखे तभी ढाका बंगाल के एक जादूगर कबीले के सरदार मानक कंजर ने नथिया माई के आगे सादी का प्रस्ताव रखा। नथिया माई ने ढाके बंगाल का जादू सिखनें की लालसा के कारण नथिया माई ने मानक कंजर के सादी के प्रस्ताव को स्वीकार किया और मानक कंजर से सादी कर ली। अब नथिया माई बन गयी नथिया कंजरी (पूरब देश मैं नथिया माई को आज भी नथिया कंजरी के नाम से पूजा जाता है।) अब नथिया माई के आगे और दिक्कत नहीं थी ढाका बंगाल का जादू सिखने में नथिया माई ने मानक कंजर के साथ मिलके ढाके बंगाल का जादू सीखा।
( यह भी पढ़े :- पूरणमल (चौरंगीनाथ) का इतिहास )
नथिया माई का खेड़ा
नथिया माता को एक जादूगरनी से एक सिद्ध देवी बनने में कई गुरु और सेवा पंथ से गुजरना पड़ा नथिया माई का पूजा थान स्थान भेतखेड़ा हसन पुर गजरौला जिला बदायूं में वेट राशूलपुर उतर प्रदेश माना जाता है क्योकि यहाँ माई अपने प्रथम गुरु नथू सपैरा के कहने पर रुकी थी वैसै नथिया माई को डाका बंगाला से माया ज्ञान मिलने के कारण वहाँ की भी मानी जाती है।
( यह भी पढ़े :- वीर बुलाकी - तंत्र साधना के अनूठे देव। आगरा के लोक देवता !! )
नथिया माई का भोग
आज के समय में माता नथिया तामसिक और सात्विक दोनों भोग की देवी कहलाती है पर शुरुआत में माता को चन्दन-पटरा गोह (एक छिपकली की प्रजाति का जीव) की भेट पर एक तामसिक भोग में पूजा गया। परन्तु आज के समय में नथिया माई का भोग मीठा व मीट दोनो प्रकार से दिया जाता है आमतौर पर सेवक नथिया माई को मीठै मे बुन्दी,लडडू, पताशै व घर साख के हिसाब मे भोग करते है वही मीट वालै सेवक नथिया माई को बचही,मुरगा व घर साख के हिसाब मे भोग करते है कुछ सेवक नथिया माई को भैट मे साज-सिंगार व मीठै मे भोग करते है।
नथिया माई का साधना मन्त्र
ॐ सतनाम आदेश गुरु का !!
काली हांडी काली माया नथिया जादू की छाया
पाँच बावरियों की बहना कहलाओ
गुरु शब्द का मान बढ़ाओ पाँच बावरी ने भेजा न्यौता
धर्म का बेटा माँ की राह में रोता
नाचती झूमती शीश पर आओ
बजा - बजा चुटकी माया के बंधन हटाओ
नथिया शक्ति धर्म के बेटे - भाईयो की कसम निभाओ
सौप दिया भोग भेट काज अब ना कर वचन कुवाचा
चौक पूजवाया थान जगाया
गुरु की आन में भर वचन साँचा
देखूंगा नथिया माई तेरी शक्ति का तमाशा
आदेश गुरु का !!
दोस्तों उम्मीद है के आपको हमारा ये लेख पसंद आया होगा, लोक देवताओ के बारे में और अधिक जानने के लिए हमारे फेसबुक पेज को फॉलो करे। यह लेख आपको कैसा लगा और हम इसको ओर कैसे सुधार सकते हैं निचे कमेंट कर के जरूर बताइयेगा। हमे आपके जवाब से खुशी होगी।
Nice
जवाब देंहटाएंBhot ache bilkul sahi baat likhi h aapne baba bulaki Masan k baare me likhiye
जवाब देंहटाएं