माता मदानण की साधना
आदेश सतगुरु जी !!
दोस्तों आपने कभी न कभी माता मदानण का नाम अपने अब तक के जीवन काल में सुन ही लिया होगा क्युकी ये एक बहुत ही उग्र,शक्तिशाली और जग विख्यात देवी है। भगताउ लाइन में ऐसा कोई भी काम नहीं है जो माता मदानण ना कर सके , ये किसी भी तरह की चौकी या बंधन को जड़ से काटने में सक्षम है। माता मदानण को चौराहे वाली माता भी कहा जाता है। माता मदानण 52 रूपी है जिसके कारण ये किसी भी प्रकार का रूप बना कर भगत को भर्मित कर सकती है। इनकी इसी शक्ति के कारण बहुत से भगत इनको नहीं पहचान पाते है। माता मदानण को मसानियो की रानी भी कहा जाता है इसी वजह से इनका काम कोई भी मसानी नहीं टाल सकती है। माता मदानण 7 बहने है। माता मदानण माई श्याम कौर और पांचो बावरियों के जोड़े में चलती है। माता मदानण माई शीतला के जोड़े में भी चलती है।
माता मदानण एक ऐसी शक्ति है जो छुतक में भी चल सकती है और अपना खेल दिखती है। माता मदानण की सेवा तामसिक और सात्विक दोनों ही प्रकार से की जाती है। माता मदानण का भोग खुले स्थानों में दिया जाता है। जब भी कोई भगत अपनी भगति के बल पर माता मदानण को खुश कर लेता है तो माता मदानण उसकी हर मनोकामना पूर्ण करती है और माता उस भगत के पितरो या देवी देवताओ कभी भी उस भगत से रुष्ट नहीं होने देती है।
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