संदेश

नथिया माई का इतिहास

चित्र
आदेश सतगुरु जी !!  दोस्तों हिन्दू धर्म में हम ऐसे बहुत से देवी देवताओ की पूजा करते है, जो कोई अवतार नहीं थे बल्कि जिन्होंने अपनी भगति और ईश्वर में दृढ़ आस्था से शक्तियाँ पाई और आज उन शक्तियों का उपयोग जन भलाई में कर रहे है। आज हम उन्ही में से एक देवी की कहानी आप लोगो के सामने लेके आये है जो भक्तो में नथिया माई या नथिया कंजरी के नाम से जानी जाती है। ये देवी अपने भगतो से जल्द ही खुश हो जाती है और अपने भगतो को मन मांगी मुराद देती है। नथिया माई देसी भगतवाली में एक जाना-माना नाम है।  ( यह भी पढ़े :- हिन्दू धर्म की एक शक्तिशाली देवी - पाथरी वाली माता | हरियाणा की लोक देवी ) नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका हमारे Blog लोक देवालय  में यहाँ आपको भारत के अलग-अलग लोक देवताओ के बारे में जानने को मिलेगा। तो चलिए शुरू करते हैं नथिया माई या नथिया चौकी माया जगत का सबसे अहम हिस्सा रही है। भगत इनको कंजर समाज से मानते है, यह एक जादूगरनी की छवि मे मानी व पूजी जाती है। आज भगत जगत की सबसे जल्दी माया मे आने वाली शक्ति नथिया माई को माना जाता है। ( नोट :- यह लेख पूर्ण रूप से इंटरनेट पर उपलब्ध ...

पूरणमल (चौरंगीनाथ) का इतिहास

चित्र
  आदेश सतगुरु जी !! भारत शुरू से ही महापुरुषो की तपोस्थली रही है। भारत की भूमि ने देवों के लिए भी अपनी लीला दिखाने का समय-समय पर अवसर दिया है। देवभूमि भारत के किसी भी भू-भाग में चले जाइये। वहां आपको कोई ना कोई संत,महात्मा,भक्त और भगवान की लीलाओं की कुछ ना कुछ कहानियां सुनने को मिल जायेगी। आज हम इस लेख में आप लोगो के सामने ऐसे ही एक भगत पूरणमल (जो आगे चल कर चोरंगी नाथ के नाम से मशहूर हुए ) की कहानी लेके आये है, जिसने अपने भगति के बल पर भगवान को प्रशन ही नहीं किया बलकि रिद्धि -सिद्धि के मालिक भी बने और आज नव नाथ में उनका पूजन होता है।  नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका हमारे Blog लोक देवालय   में यहाँ आपको भारत के अलग-अलग लोक देवताओ के बारे में जानने को मिलेगा। तो चलिए शुरू करते हैं पूरणमल (चौरंगीनाथ) का इतिहास  प्रिय पाठको प्राचीन समय की बात है सियालकोट में राजा शालीवाहन का राज्य हुआ करता था। राजा अपनी पत्नी इच्छरादे के साथ जीवन व्यतित कर रहे थे। शालीवाहन राजा धर्मपारायण एवं न्यायकारी थे। उनके राज्य की जनता भी उनका बहुत सम्मान करती थी। वह भी अपनी प्रजा को पुत्र के समान प...

शीतला माता का इतिहास

चित्र
आदेश सतगुरु जी !! नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका हमारे Blog  लोक देवालय    में यहाँ आपको भारत के अलग-अलग लोक देवताओ के बारे में जानने को मिलेगा। तो चलिए शुरू करते हैं प्रिय पाठको आप लोगो ने शीतला माता का नाम अपने जीवन में बहुत बार सुना होगा। शीतला माता का गुरुग्राम   में एक बहुत ही भव्य मंदिर है। शीतला माता को अनेक समाजो में कुल देवी के रूप में पूजा जाता है। श्रद्धालु जन बच्चो के मुंडन तथा नवविवाहित जोड़ो की जात देने के लिए शीतला माता के मंदिर में जाते है। चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की सप्तमी अष्टमी को शीतला माता का पर्व मनाया जाता है। इसे बसौड़ या बसौरा भी कहते हैं। शीतला सप्तमी को भोजन बनाकर रखा जाता है और दूसरे दिन उसी भोजन को ही खाया जाता है। इस दौरान विशेष प्रकार का भोजन बनाया जाता है। कहते हैं कि इस ‍देवी की पूजा से चेचक का रोग ठीक होता है। आज हम आप लोगो के सामने शीतला माता का इतिहास लेके आये है। ( यह भी पढ़े :- हिन्दू धर्म की एक शक्तिशाली देवी - पाथरी वाली माता | हरियाणा की लोक देवी ) शीतला माता का इतिहास - हरियाणा की लोक देवी   शीतला माता के इतिहास...

कलवा पौन का इतिहास

चित्र
 एक ऐसा लोक देव जो साधक को भी मार दे - कलवा पौन । खरदौनी के लोक देवता  आदेश सतगुरु जी !! नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका हमारे Blog लोक देवालय में यहाँ आपको भारत के अलग-अलग लोक देवताओ के बारे में जानने को मिलेगा। तो चलिए शुरू करते हैं प्रिये पाठको आज के इस दौर में भी ऐसे - ऐसे तांत्रिक, साधक और भगत हमारे बीच मौजूद है, जो आपको कहीं भी बैठे - बैठे किसी जगह या किसी व्यक्ति के बारे में बता सकते है, जहां पर शायद वह कभी खुद नहीं गया हो या उस मनुष्य को न जानता हो। आप जानना चाहते हो के वे ऐसा करने में कैसे सक्षम हो जाते है। वे तांत्रिक या भगत ऐसा इसलिए कर सकते है क्युकी उनके पास 56 कालवो में से कोई एक या दो कलवे चलते होंगे। आज हम आप लोगो के लिए उन 56 कलवो में से एक सबसे शक्तिशाली कलवा पौन के बारे में लेख लेके आये हैं। कहाँ से आये 56 कलवे ? 56 कलवे गुरु गोरखनाथ के धुनें से प्रकट हुए थे और इस शक्ति के पहले मालिक गुरु गोरख नाथ थे। बाद में उन्होंने ये शक्ति अपने परम शिष्य  गुगा जहरवीर को दी। गुगा जाहरवीर से ये शक्तियाँ  5 बावरियों   ने ली। ( यह भी पढ़े :- गुग...

वीर बुलाकी का इतिहास !!

चित्र
 वीर बुलाकी - तंत्र साधना के अनूठे देव। आगरा के लोक देवता !! आदेश सतगुरु जी !! नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका हमारे Blog लोक देवालय में यहाँ आपको भारत के अलग-अलग लोक देवताओ के बारे में जानने को मिलेगा। तो चलिए शुरू करते हैं यह भी पढ़े :- आखिर कौन होते है लोक देवता ? प्रिये पाठको कलयुग में ऐसे बहुत से वीर हुए है जिन्होंने अपनी शक्तियों के बल पर पूरी दुनिया में अपना डंका बजवाया है और अपने भगतो के ऐसे ऐसे काम सिद्ध किये है जिनको कोई महान शक्तियो का मालिक ही कर सकता है। आज हम आप लोगो के सामने एक ऐसे ही लोक देवता बाबा वीर बुलाकी को लेके आये है, जो कलयुग में सबसे शक्तिशाली और उग्र देवताओ में गिने जाते है। ये एक ऐसे देवता हैं जिनकी शक्ति ही गजब की है जहाँ अपनी बात पर रुष्ट होकर अड़ जाये तो फिर बड़े से बड़े देवी और देवता भी इसके सामने हाथ जोडते नजर आते है।फिर चाहे माँ काली ही सामने क्यों ना हो। इस वीर की बैठ सभी देवियो के पास है सभी देवियाँ इसकी और सभी देवियो का ये वीर बुलाकी जिसे चाहे उसे मना लें जिसका चाहे उसका हो जाएँ। इस कलयुग में ये वीर लोगो के अच्छे और बुरे दोनों तरह के काम करता है।...

कलयुग के विख्यात लोक देवता - जाहरवीर / गोगा पीर। राजस्थान के लोक देवता !!

चित्र
कलयुग के विख्यात लोक देवता - जाहरवीर / गोगा पीर। राजस्थान के लोक देवता !! आदेश सतगुरु जी !! नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका हमारे Blog  लोक देवालय  में यहाँ आपको भारत के अलग-अलग लोक देवताओ के बारे में जानने को मिलेगा। तो चलिए शुरू करते हैं प्रिये पाठको आज हम आप लोगो के सामने बागड़ देश के राजा और राजस्थान के विख्यात लोक देवता वीर गोगा जी चौहान की कहानी लेकर आये हैं। वैसे तो वीर गोगा जी महाराज के बारे में आप सभी लोग जानते होंगे, लगभग हर घर में वीर गोगा जी की पूजा-अर्चना की जाती है। इनका इतिहास आज के मनुष्य को जीवन में सफल होने के बारे में बहुत से पाठ पढ़ाता है, इसलिए इनके इतिहास का पूरा वर्णन एक लेख में करना लगभग नामुमकिन है। आज के इस लेख में हम आप लोगो को गोगा जाहर पीर के जीवन के कुछ अहम किस्सों के बारे में बताएंगे। यह भी पढ़े :- आखिर कौन होते है लोक देवता ? गोगा जाहरवीर का जन्म  दोस्तों वीर गोगा जी चौहान का जन्म विक्रम संवत 1003 चूरु जिले के ददरेवा गांव में हुआ था। इनके पिता का नाम राजा जेवर सिंह और माता का नाम बाछल था। बताया जाता है की राजा जेवर सिंह और रानी बाछल की विव...

5 बावरी भाइयो का इतिहास ।। सबल सिंह बावरी और केसरमल बावरी की साधना

चित्र
5 बावरी भाइयो का इतिहास ।। सबल सिंह बावरी और केसरमल बावरी की साधना !! आदेश सतगुरु जी !! नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका हमारे Blog  लोक देवालय  में यहाँ आपको भारत के अलग-अलग लोक देवताओ के बारे में जानने को मिलेगा। तो चलिए शुरू करते हैं हमारे प्रिये पाठको आज हम आप लोगो के सामने लेके आये हैं, हरियाणा के विख्यात लोक देवता जिनको लगभग हर व्यक्ति जानता होगा। इनकी पूजा भगतो के घरो में कुल देवता के रूप में होती है। इनका जन्म खरकड़ी में हुआ था। इन पांचो भाइयो के साथ साथ इनकी बहने शैडो, श्याम कौर , नथिया भी पूजी जाती हैं। ये कलयुग के अवतार हैं। इनके पिता का नाम हेमराज व माता का नाम कपूरी है। इनके मुख्य मंदिर हरियाणा के मुरथल तथा सफीदों शहर में हैं। यह भी पढ़े :-  आखिर कौन होते है लोक देवता ? दादा केसरमल बावरी की साधना  इनके मुख्य मंदिर  मुरथल  और सफीदो में ही क्यों बने ? इनके मुख्य मंदिर मुरथल और सफीदो में ही क्यों बने उसके पीछे भी एक कहानी है। दोस्तों बताते है की जब इन पांचो बावरी भाइयो का मुगलो के साथ युद्ध छिड़ चुका था, तो ये लड़ते लड़ते हरियाणा के मुरथल शहर में पहुंच...

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

कलवा पौन का इतिहास

नथिया माई का इतिहास

नौ गजा पीर का इतिहास और साधना !!