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बाबा मोहन राम का इतिहास

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आदेश सतगुरु जी !! भारत देश में अनेक देवी-देवताओं ने समय-समय पर भगतो का दुःख दूर करने के लिए अवतार लिए हैं। यहां के लगभग हर राज्य में आपको कोई न कोई धार्मिक स्थान अथवा किसी ना किसी देवी-देवता का मंदिर देखने को अवश्य मिलेगा। यदि भारत को दैवीय चमत्कारों का देश कहा जाए तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। आज मैं आप लोगो के सामने ऐसे ही एक लोकदेव की कहानी लेकर आया हूँ जिन्हें कलयुग के अवतारी बाबा मोहनराम के नाम से भगतो द्वारा जाना जाता है। ( यह भी पढ़े :- कलवा पौन का इतिहास ) नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका हमारे Blog  लोक देवालय   में यहाँ आपको भारत के अलग-अलग लोक देवताओ के बारे में जानने को मिलेगा। तो चलिए शुरू करते हैं बाबा मोहन राम का इतिहास  दोस्तों बाबा मोहन राम कलयुग में भगवान् श्री कृष्ण के दूसरे अवतार के रूप में पूजे जाते है। बाबा मोहन राम एक भारतीय अध्यात्मिक गुरु है जिनकी उनके भक्त ऋषि, सतगुरु, फ़कीर और भगवान् कृष्ण के रूप में पूजा करते है। ऐसा माना जाता है कि बाबा मोहन के पास चमत्कारी शक्तियां है जिनका इस्तेमाल वो जन कल्याण के लिए करते है। उनके सर के चारो तरफ एक सोने की अंग...

नौ गजा पीर का इतिहास और साधना !!

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आदेश सतगुरु जी !!  दोस्तों हमारी धरती पर बहुत से पीर फ़क़ीर हुए है जिन्होंने अपनी शक्ति के बल पर अपना दुनिया में नाम किया है। आज मैं आप लोगो के सामने ऐसे ही एक पीर की कहानी लेके आया हूँ जो अपनी शक्ति के बल पर भगतो को पर्चे लगाता है और पल भर में उनका बिगड़ा हुआ काम सवार देता है। दोस्तों मैं बात कर रहा हूँ हिन्दू-मुस्लिम एकता के प्रतीक 9 गजा पीर की, जिनमेँ हिन्दू और मुस्लिम दोनों ही समान रूप से श्रद्धा रखते है और अपनी मुँह मांगी मुरादे पाते है। ( यह भी पढ़े :-  अमर सिंह पवन का इतिहास !! ) नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका हमारे Blog  लोक देवालय  में यहाँ आपको भारत के अलग-अलग लोक देवताओ के बारे में जानने को मिलेगा। तो चलिए शुरू करते हैं   ( नोट :- यह लेख पूर्ण रूप से इंटरनेट पर उपलब्ध जानकारी तथा गुरु भगतो के मुँह से सुनी कथाओ पर आधारित है। लेखक इसका पूर्ण रूप से सही होने का कोई दावा नहीं करता है। ) 9 गजा पीर का इतिहास  नौगाजा पीर एक संत थे, जिनकी ऊंचाई 9 "गज" थी जो भारतीय मीट्रिक इकाइयों में 8 मीटर और 36 इंच या 27 फीट के बराबर होती है। इनका नाम सैयद इब्राहिम बादशा...

अमर सिंह पवन का इतिहास

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आदेश सतगुरु जी !!  दोस्तों भगति में इतनी शक्ति होती है की वो एक आम इंसान को भी देवताओ की श्रेणी में ले जा सकती है। अगर सच्चे मन से ईश्वर की भगति की जाये तो ईश्वर आपको दुनिया के दुःख दूर करने की शक्ति प्रदान करता है। आज मै आप लोगो के सामने ऐसे ही एक देवता की कहानी लेके आया हूँ, जिसने अपनी भगति से ही एक आम इंसान से देवता का पद हासिल किया और आज अपनी शक्तियों का चमत्कार पूरी दुनिया मै दिखा रहे है। आज के समाज में भगत उनको अमर सिंह पवन या अमर सिंह पौन के नाम से जानते है और उनके जयकारे लगाते है। ( यह भी पढ़े :-  वीर बुलाकी - तंत्र साधना के अनूठे देव। आगरा के लोक देवता !! ) नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका हमारे Blog   लोक देवालय   में यहाँ आपको भारत के अलग-अलग लोक देवताओ के बारे में जानने को मिलेगा। तो चलिए शुरू करते हैं जो लोग बाबा अमर सिंह पवन की पूजा करते है वे लोग बाबा के इतिहास से भली भांति परिचित होंगे। लेकिन जो लोग बाबा के इतिहास को नहीं जानते के कैसे अमर सिंह एक आम बच्चा होते हुए देवता की श्रेणी मै आया और अमर सिंह से अमर सिंह पवन कैसे बना। उन भगतो के लि...

नथिया माई का इतिहास

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आदेश सतगुरु जी !!  दोस्तों हिन्दू धर्म में हम ऐसे बहुत से देवी देवताओ की पूजा करते है, जो कोई अवतार नहीं थे बल्कि जिन्होंने अपनी भगति और ईश्वर में दृढ़ आस्था से शक्तियाँ पाई और आज उन शक्तियों का उपयोग जन भलाई में कर रहे है। आज हम उन्ही में से एक देवी की कहानी आप लोगो के सामने लेके आये है जो भक्तो में नथिया माई या नथिया कंजरी के नाम से जानी जाती है। ये देवी अपने भगतो से जल्द ही खुश हो जाती है और अपने भगतो को मन मांगी मुराद देती है। नथिया माई देसी भगतवाली में एक जाना-माना नाम है।  ( यह भी पढ़े :- हिन्दू धर्म की एक शक्तिशाली देवी - पाथरी वाली माता | हरियाणा की लोक देवी ) नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका हमारे Blog लोक देवालय  में यहाँ आपको भारत के अलग-अलग लोक देवताओ के बारे में जानने को मिलेगा। तो चलिए शुरू करते हैं नथिया माई या नथिया चौकी माया जगत का सबसे अहम हिस्सा रही है। भगत इनको कंजर समाज से मानते है, यह एक जादूगरनी की छवि मे मानी व पूजी जाती है। आज भगत जगत की सबसे जल्दी माया मे आने वाली शक्ति नथिया माई को माना जाता है। ( नोट :- यह लेख पूर्ण रूप से इंटरनेट पर उपलब्ध ...

पूरणमल (चौरंगीनाथ) का इतिहास

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  आदेश सतगुरु जी !! भारत शुरू से ही महापुरुषो की तपोस्थली रही है। भारत की भूमि ने देवों के लिए भी अपनी लीला दिखाने का समय-समय पर अवसर दिया है। देवभूमि भारत के किसी भी भू-भाग में चले जाइये। वहां आपको कोई ना कोई संत,महात्मा,भक्त और भगवान की लीलाओं की कुछ ना कुछ कहानियां सुनने को मिल जायेगी। आज हम इस लेख में आप लोगो के सामने ऐसे ही एक भगत पूरणमल (जो आगे चल कर चोरंगी नाथ के नाम से मशहूर हुए ) की कहानी लेके आये है, जिसने अपने भगति के बल पर भगवान को प्रशन ही नहीं किया बलकि रिद्धि -सिद्धि के मालिक भी बने और आज नव नाथ में उनका पूजन होता है।  नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका हमारे Blog लोक देवालय   में यहाँ आपको भारत के अलग-अलग लोक देवताओ के बारे में जानने को मिलेगा। तो चलिए शुरू करते हैं पूरणमल (चौरंगीनाथ) का इतिहास  प्रिय पाठको प्राचीन समय की बात है सियालकोट में राजा शालीवाहन का राज्य हुआ करता था। राजा अपनी पत्नी इच्छरादे के साथ जीवन व्यतित कर रहे थे। शालीवाहन राजा धर्मपारायण एवं न्यायकारी थे। उनके राज्य की जनता भी उनका बहुत सम्मान करती थी। वह भी अपनी प्रजा को पुत्र के समान प...

शीतला माता का इतिहास

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आदेश सतगुरु जी !! नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका हमारे Blog  लोक देवालय    में यहाँ आपको भारत के अलग-अलग लोक देवताओ के बारे में जानने को मिलेगा। तो चलिए शुरू करते हैं प्रिय पाठको आप लोगो ने शीतला माता का नाम अपने जीवन में बहुत बार सुना होगा। शीतला माता का गुरुग्राम   में एक बहुत ही भव्य मंदिर है। शीतला माता को अनेक समाजो में कुल देवी के रूप में पूजा जाता है। श्रद्धालु जन बच्चो के मुंडन तथा नवविवाहित जोड़ो की जात देने के लिए शीतला माता के मंदिर में जाते है। चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की सप्तमी अष्टमी को शीतला माता का पर्व मनाया जाता है। इसे बसौड़ या बसौरा भी कहते हैं। शीतला सप्तमी को भोजन बनाकर रखा जाता है और दूसरे दिन उसी भोजन को ही खाया जाता है। इस दौरान विशेष प्रकार का भोजन बनाया जाता है। कहते हैं कि इस ‍देवी की पूजा से चेचक का रोग ठीक होता है। आज हम आप लोगो के सामने शीतला माता का इतिहास लेके आये है। ( यह भी पढ़े :- हिन्दू धर्म की एक शक्तिशाली देवी - पाथरी वाली माता | हरियाणा की लोक देवी ) शीतला माता का इतिहास - हरियाणा की लोक देवी   शीतला माता के इतिहास...

कलवा पौन का इतिहास

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 एक ऐसा लोक देव जो साधक को भी मार दे - कलवा पौन । खरदौनी के लोक देवता  आदेश सतगुरु जी !! नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका हमारे Blog लोक देवालय में यहाँ आपको भारत के अलग-अलग लोक देवताओ के बारे में जानने को मिलेगा। तो चलिए शुरू करते हैं प्रिये पाठको आज के इस दौर में भी ऐसे - ऐसे तांत्रिक, साधक और भगत हमारे बीच मौजूद है, जो आपको कहीं भी बैठे - बैठे किसी जगह या किसी व्यक्ति के बारे में बता सकते है, जहां पर शायद वह कभी खुद नहीं गया हो या उस मनुष्य को न जानता हो। आप जानना चाहते हो के वे ऐसा करने में कैसे सक्षम हो जाते है। वे तांत्रिक या भगत ऐसा इसलिए कर सकते है क्युकी उनके पास 56 कालवो में से कोई एक या दो कलवे चलते होंगे। आज हम आप लोगो के लिए उन 56 कलवो में से एक सबसे शक्तिशाली कलवा पौन के बारे में लेख लेके आये हैं। कहाँ से आये 56 कलवे ? 56 कलवे गुरु गोरखनाथ के धुनें से प्रकट हुए थे और इस शक्ति के पहले मालिक गुरु गोरख नाथ थे। बाद में उन्होंने ये शक्ति अपने परम शिष्य  गुगा जहरवीर को दी। गुगा जाहरवीर से ये शक्तियाँ  5 बावरियों   ने ली। ( यह भी पढ़े :- गुग...

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